आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी – Ayurvedic Harbs
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी महत्व – Ayurvedic Herb Importance
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी आयुर्वेद मुख्यता त्रिदोष पर काम करता है जिसमे वात , पित्त और कफ है | मनुष्य के शरीर को तीन भागो में भिभाजित किया गया है जिसमे मनुष्य के पेट से ऊपर कफ और शरीर के बिच के भाग में पित्त और निचे के भाग में वात को रखा गया है | जब ये मनुष्ये के शरीर में कोई भी दोष असन्तुतित होता है और बहुत से प्रकार के बीमारिया आने लगती है | इसी त्रिदोष के संतुलन को बनाये रखने के लिए आयुर्वेद में बहुत से प्रकार के उपचार होते है | उपचार से हम अपने आप को स्वस्थ और खुशहाल रख सकते है | आइये जानते है आयुर्वेदिक पंचकर्मा में कितने प्रकार के उपचार होते है |
आयुर्वेदिक पंचकर्मा उपचार – Ayurvedic Panchkarma Treatment
आयुर्वेदिक पांचकर्मा में अनेक प्रकार के उपचार होते है मगर उसमे से मुख्य पांच पर कुछ इस प्रकार है
- वामन
- विरेचन
- नाशयम
- वस्ति
- रक्त मोक्षनम
आयुर्वेदिक दवा के लाभ – Benifits Of Ayurvedic Medicine
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ और संतुलित आहार मिलना बहुत ही महत्वपूर्ण है जी को आम-तोर पर नहीं मिल पता है जिससे हमारे शरीर में बहुत सारी परेशानिया होना शुरू हो जाती है है उचित आहार न मिलने से हमारे शरीर में अपच , मशाले भला भोजन खाने से हमारे पेट अंदर जलन होती है और खाना अचे से डाइजेस्ट नहीं हो पता है अगर हम आयुर्वेदिक दवाई का सेवन करे तो ये हँमारे शरीर के लिए कोई भी नुकसान नहीं करेगी और हमारा स्वस्थ भी ठीक हो जायेगा | आयुर्वेदिक दवाई का मुख्य लाभ ये है की इसमें कोई भी हानिकारक विकार नहीं होता है जो हमारे शरीर के लिए बिलकुल सही है |