वमन क्रिया – रामबाण इलाज कफ दोष के लिए – जानिए वमन क्या है | Vaman-kriya-ayurvedic-detox-hindi
Vaman-kriya-ayurvedic-detox-hindi वमन क्रिया | हमारे शरीर के कफ दोष को ख़त्म करने का तरीका रामबाण इलाज है | ये पंचकर्म का पहला चरण है |
ये प्राचीन आयुर्वेदिक चिकित्सा हमारे शरीर से कफ दोष, विकार पदार्थ को निकलने व जड़ से ख़त्म करता है | इस आयुर्वेद क्रिया के माध्यम से साइनस, अस्थमा,एलर्जी जैसे सारी समस्याए हल हो जाती है |
वमन थेरेपी क्या है (What is Vamana Therapy?)
ये शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है | जिसमे वम का अर्थ है (उल्टी करना) | वमन क्रिया में ऊपर के हिस्से से जैसे सर, गला, छाती से कफ दोष को बहार निकलना रहता है | इस प्रक्रिया में औषदी द्रव अबस्था में रहती है जैसे (मदनफल ,मधुरस, नीम का रस) आदि से उल्टी करबाई जाती है जिससे शरीर के ऊपरी हिस्से से विकार दोष को निकला जाता है |
वमन क्रिया के लाभ (Benefits of Vamana)
त्वचा के रोगो में सुधार – कील मुहासे , सोराइसिस को ख़त्म करे |
प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करे – बार-बार संक्रमण होने का खतरा घटाए।
मोटापा कम करे – मेटाबॉलिज्म को सक्रिय करता है।
पाचन शक्ति बढ़ाए – आब (टॉक्सिन्स) निकालकर पेट की समस्याएं दूर करे।
कफ दोष का संतुलन – सर्दी-जुकाम, अस्थमा
मानसिक स्पष्टता – सिरदर्द, भारीपन और साइनस से छुटकारा।
क्रिया की प्रक्रिया (Step-by-Step Process)
वमन थेरेपी 3 कर्म में पूरी की जाती है
1. पूर्वकर्म (Preparation)
स्नेहन – 3-4 दिन तक घी का सेवन और अभ्यंग (तेल से मालिश) करना ।
स्वेदन – हर्बल स्टीम देकर शरीर के टॉक्सिन्स ढीले किए जाते हैं।
2. प्रधान कर्म (Main Therapy)
सुबह खाली पेट मदनफल या नीम का काढ़ा पिलाया जाता है।
उल्टी प्रेरित करने के लिए गर्म पानी या घी का सेवन करवाया जाता है।
4-10 बार उल्टी होती है, जिसमें कफ और टॉक्सिन्स बाहर आते हैं।
3. पश्चातकर्म (Recovery)
संतुलित आहार – खिचड़ी, मूंग दाल, और उबले हुए सब्जियों का सेवन।
आराम – 2-3 दिन तक भारी शारीरिक गतिविधि से परहेज।
सावधानियाँ (Precautions)
- गर्भवती महिलाएँ, हृदय रोगी, या अल्सर के मरीज इससे बचें।
- प्रक्रिया के बाद ठंडी हवा और तनाव से दूर रहें।