
Netra Tarpan Ayurvedic Eye Treatment आँखों के लिए वरदान माने जाने वाला अकेला एक ऐसा आयुर्वेदिक उपचार है जो आँखों की रोशनी को वापिस ला सकता है | हमारा आयुर्वेद की गहराई इतनी है की इसमें अनेक प्रकार के उपचार है जो शरीर से जुडी हर समस्या का समाधन कर सकते है|
नेत्र तर्पण आँखों के लिए वरदान ये उपचार Netra Tarpan Aurvedic Eye Treatment आज की इस आधुनिक दुनिया में स्क्रीन टाइम, मोबाइल, प्रदूषण, कंप्यूटर, वीडियो गेम आदि का प्रयोग ज्यादा होने से आँखों में अनेक प्रकार की समस्याए आ रही है | आँखों में किसी भी प्रकार की समस्या के लिए आयुर्वेद में ” नेत्र तर्पण ” उपचार बहुत कारगार सिद्ध हुआ है| शोध्कर्ताओ के अनुसार ये उपचार न जाने कितने लोगो के आँखों की रोशनी को वापिस ला चूका है | यह न केवल नेत्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है, बल्कि दृष्टि को तेज करने और गंभीर नेत्र रोगों को ठीक करने में भी मदद करती है। ”नेत्र तर्पण” प्राकृतिक तरीकों से जड़ी-बूटियों और औषधियों का उपयोग कर इलाज करती हैं। इस पोस्ट में हम नेत्र तर्पण की प्रक्रिया, इसके लाभ, सामग्री, सावधानियों और इससे जुड़े हर पहलू को विस्तार से समझेंगे।
What is Netra Tarpan नेत्र तर्पण क्या है
संस्कृत भाषा से लिया गया नेत्र तर्पण जिसका अर्थ है नेत्र (आंख,चक्षु) और तर्पण का अर्थ है (तृप्त करना) | ये आयुर्वेद की बहुत ही परम्परिक चिकित्सा उपचार है| इसमें मेडिकेटिड घी (ओषदियो घी) का उपयोग करके आँखों को आराम दिया जाता है और साथ ही साथ आँखों को पोषण दिया जाता है| नेत्र तर्पण का उदेश्य है आँखों की खूबसूरती और आरोग्यता को बढ़ाबा देना| इसमें सबसे ज्यादा ज्यादा भूमिका ओषदियो घी की रहती है| इसमें आँखों की मांसपेशियों को शक्ति मिलती है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
पुराने आयुर्वेदिक ग्रंथों जैसे सुश्रुत संहिता और चरक संहिता में नेत्र तर्पण को “नेत्र रोगों के उपचार की सर्वोत्तम विधि” बताया गया है। यह प्रक्रिया न केवल आँखों की थकान दूर करती है, बल्कि मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, और रेटिना संबंधी समस्याए में भी लाभदायक है।
Benefits of Netra Tarpan नेत्र तर्पण के लाभ
✅ थकान और तनाव में राहत
जो लोग मोबाइल, कम्प्यूटर पर ज्यादा देर तक काम करते है जिसकी बजह से आँखों में थकन और तनाव हो जाता है उनके लिए ये उपचार वरदान से कम नहीं है
✅ दृष्टि में सुधार
नेत्र तर्पण से रेटिना और आँखों की मांसपेशियों को मजबूत करके दृष्टि तेज करता है।
✅ नेत्र रोगों का उपचार
कंजक्टिवाइटिस, मोतियाबिंद और नाइट ब्लाइंडनेस जैसी समस्याओं में प्रभावी है ये उपचार ।
✅ कालापन और सूजन को कम करना
इस उपचार से आँखों के आस पास कालापन और सूजन को काम करता है |
✅ मानसिक शांति और ताजगी
इसकाउपचार का ठंडक प्रदान करने वाला प्रभाव मानसिक तनाव को भी कम करता है।
✅ नेत्र ज्योति में वृद्धि
यह आँखों की रोशनी को बढ़ाने में सहायक होता है। जिसमे चश्मे का नंबर भी कम हो जाता है |
Procedure of Netra Tarpan नेत्र तर्पण की प्रक्रिया
इस उपचार को किसी प्रशिक्षित चिकित्सक की देख रेख में ही करना चाहिए
प्रारंभिक तैयारी
रोगी को आरामदायक स्थिति में लेटाया जाता है। और आँखों के आसपास की त्वचा को साफ किया जाता है।
आटे का घेरा बनाना
उड़द के आटे को अच्छे से गूंद कर दो गोल डैम (घेरा) आँखों के ऊपर लगाए जाते है जो की घी को बहने से रोकता है| ध्यान से अच्छे से जाँच कर ले की घी कहीं से लीक न करे|
मेडिकेटिड (औषधीय) घी डालना
इस घेरे में गुनगुना त्रिफला घृत, महात्रिफला घृत, जीवन्त्यादी या अन्य हर्बल घी भरा जाता है। रोगी को आंखे बंद करना और खोलना (ब्लिंकिंग) करने को कहना है जब वह घी ठंडा हो जाये तो इस प्रक्रिया को तीन वर दोहराना है|
आँखों को साफ़ करना
अब आँखों से कॉटन (रुई) के माध्यम से निकलना है और गुनगुने पानी से आँखों को साफ़ करना है और रुई में गुलाब जल को लगाकर आँखों के ऊपर रख कर 10 मिनट तक छोड़ दे|
अवधि और आवृत्ति
इस उपचार के लिए लगभग 30 – 40 मिनट लगते है और रोगी की स्थिति के अनुसार लगातार 3 – 5 दिन लेना है इससे ज्यादा फ़ायदा मिलेगा|
आवश्यक सामग्री
✅ त्रिफला, शतावरी, ब्राह्मी, महा त्रिफला या जीवनत्यादी घी
✅ मूंग दाल या उड़द का आटा
✅ गुनगुना जल
✅ साफ़ रुई
✅ गुलाब जल
✅ प्रशिक्षित चिकित्सक
कौन लोग नेत्र तर्पण करवा सकते हैं
– जिनकी नेत्र ज्योति कमजोर हो रही है|
– जिनकी आँखों में जलन, थकान, खुजली या डॉयनेस महसूस करते हैं।
– विद्यार्थी, आईटी प्रोफेशनल्स, बजुर्ग नागरिक।
– जिनको चश्मा लगा है।
– जिनका वात और पित्त दोष आँखों को प्रभावित करते हैं।
– जिनको आँखों में भारीपन या दृष्टिदोष की समस्या हो।
कौन लोग नेत्र तर्पण नहीं करवा सकते हैं
❌ गर्भवती महिलाएं इस उपचार को ना ले|
❌ जिनकी आँखों में संक्रमण या सूजन हो|
❌अत्यधिक उच्च रक्तचाप|
❌ आंखों में गंभीर जलन हो तो नहीं लेना चाहिए।
सावधानियाँ
⏺ प्रक्रिया के बाद 1-2 घंटे तक स्क्रीन या तेज रोशनी से बचें।
⏺ प्रक्रिया के दिन भारी या तला भोजन न लें। ताजे फल और हल्का भोजन करें।
⏺ प्रयोग में लाया जाने वाला घृत शुद्ध, आयुर्वेद मान्यताप्राप्त और रोगानुसार होना चाहिए।
⏺ आँखों को घी से भरते समय धूल-मिट्टी या तेज रोशनी से बचाव आवश्यक है।
⏺ धूप से बचाव रखे आँखों को सीधी धूप और धूल से बचाएँ।
नेत्र तर्पण एक प्रभावी और सुरक्षित आयुर्वेदिक उपचार है जो न केवल आँखों की रोशनी को बढ़ाता है बल्कि उनकी सुंदरता और स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। यह उपचार प्राकृतिक रूप से आँखों की समस्याओं को दूर करने का एक सटीक उपाय है। नियमित रूप से नेत्र तर्पण करवाने से आँखों में ताजगी, शांति और स्पष्ट दृष्टि बनी रहती है। यदि आप भी अपनी आँखों की देखभाल करना चाहते है तो नेत्र तर्पण का सुपचार जरूर करबाए|
पूछे जाने वाले सवाल FAQ’s
क्या नेत्र तर्पण दर्दनाक है?
नहीं, यह पूरी तरह दर्दरहित और आरामदायक प्रक्रिया है।
क्या यह LASIK सर्जरी के बाद किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन केवल चिकित्सक की सलाह से।
कितने सत्रों में परिणाम दिखाई देते हैं?
3-5 सत्रों में स्पष्ट सुधार दिखता है, लेकिन यह रोग की गंभीरता पर निर्भर करता है।
घर पर नेत्र तर्पण कैसे करें?
किसी मित्र से कहें कि वह दोनों आँखों के लिए ओसीसीपिटल हड्डी के चारों ओर काले चने के आटे से एक बड़ी सी दीवार बनाए, ध्यान रखें कि यह इतनी ऊँची हो कि आँखों को घी के कुंड में डुबोया जा सके। आटे को त्वचा में रखें और सील करने के लिए इसे दबाएँ। आटा घी को अंदर रखने और रिसाव को रोकने के लिए सीलेंट के रूप में कार्य करता है।
नेत्र बस्ती क्या है?
यह एक तरह का “नेत्र स्नान” है जिसमें आँखों को हर्बल घी जैसे किसी चिकने पदार्थ में डुबोया जाता है