Fatty Liver Disease, Forms, Symptoms,Treatment & Diagnosis

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स्वस्थ लिवर का महत्व

Fatty Liver Disease, Forms, Symptoms, Diagnosis & Treatment फैटी लिवर (Fatty Liver) एक गंभीर बीमारी है फैटी लिवर में लीवर की कोशिकाओं में वसा यानी के फैट का ज्यादा जमा हो जाने से फैटी लीवर का रूप ले देती है | हमारे शरीर में महत्वपूर अंग है लिवर जो की जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन, और मेटाबॉलिज्म जैसे कार्यों में मदद करता है| आज कल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लाइफस्टाइल का सही न होना, गलत खान-पान और व्यायाम न करने से ये बीमारी बहुत जल्दी फ़ैल रही है| इस स्थति में लिवर में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है जिससे आगे चलकर गंभीर समस्या जैसे लिवर फेलियर, सोराइसिस, सूजन की समस्या हो सकती है | आज (Fatty Liver) के कारण, सावधनिया, आयुर्वेदिक इलाज, डाइट के वारे में सम्पूर्ण जानकारी लेंगे|

कैसे पहचाने स्वस्थ / अस्वस्थ लिवर

स्वस्थ लिवर:-

⏺ पाचन क्रिया का सामान्य होना|
⏺ शरीर में ऊर्जा का बना रहना।
⏺ कोई सूजन या दर्द नहीं|
⏺ त्वचा और आँखों का रंग साफ और पीला न होना।
⏺ मॉल और मूत्र का रंग समान्य होना|

फैटी लिवर (अस्वस्थ लिवर):-

⏺ पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द का होना|
⏺ त्वचा का पीला होना और पुरे शरीर में खारिश का होना|
⏺ अचानक से वजन का बढ़ना या कम होना|
⏺ वार-वार थकन को महसूस करना|
⏺ पुरे शरीर में कमजोरी का होना|
⏺ भूख में कमी
⏺ मूत्र का गहरा रंग होना|
⏺ पेट में दर्द या सूजन होना|

फैटी लिवर के लक्षण

फैटी लिवर होने के दो कारण हो सकते है अल्कोहलिक (AFLD) और नॉन-अल्कोहलिक (NAFLD)|

👉 भूख कम लगना उल्टी की समस्या होना|
👉 पीलिया (Jaundice) आँखों और त्वचा का पीला पड़ना।
👉 पेट में सूजन या दर्द लिवर के आकार बढ़ने से पेट के दाएं हिस्से में दबाव बनना।
👉 कोलेस्ट्रॉल और शुगर का बढ़ना इंसुलिन प्रतिरोध होना।
👉 शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने के कारण थकान और चिड़चिड़ापन होना
👉 पेरो में सूजन का होना|

फैटी लिवर के कारण

मोटापा और डायबिटीज :- इन्सुलिन रेजिस्टेंस लिवर में फैट जमा करता है।
जेनेटिक कारण :- परिवार में लिवर रोग का इतिहास होना।
असंतुलित आहार :- ज्यादा तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड, और शुगर युक्त पेय पदार्थ लेना।
एल्कोहल का अत्यधिक सेवन :- एल्कोहल लिवर सेल्स को नुकसान पहुंचाता है।
दवाओं का साइड इफेक्ट :- पेनकिलर्स या स्टेरॉयड का अधिक उपयोग करना।
शारीरिक गतिविधि की कमी :- यह वसा के जमाव को बढ़ावा देती है।
मोटापा :- अधिक वजन लिवर में फैट जमा होने की संभावना बढ़ाता है।

कैसे फैटी लिवर की जांच करें

अल्ट्रासाउंड :- अल्ट्रासाउंड करवाने से लिवर में फैट की मात्रा का पता लगाना।
ब्लड टेस्ट :- लिवर एंजाइम (ALT, AST) का स्तर चेक करना।
बायोप्सी :- गंभीर मामलों में टिशू सैंपल लेना। यह सबसे सटीक जांच है, जिसमें लिवर की एक छोटी सी ऊतक का नमूना लेकर जांच की जाती है।
फाइब्रोस्कैन :- लिवर की कठोरता और सूजन मापना।
CT स्कैन या MRI :- लिवर की संरचना की विस्तृत जानकारी मिलती है।
आयुर्वेदिक उपचार :- नाड़ी परीक्षण और पंचकर्म उपचार।

आयुर्वेदिक उपचार

आयुर्वेद में फैटी लिवर के उपचार के लिए कई जड़ी-बूटियों और उपायों का उल्लेख किया गया है:-

गिलोय :- यह लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। गिलोय का काढ़ा पीना बहुत ही फायदेमंद होता है।
भृंगराज :- एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से युक्त होता है भृंगराज।
त्रिफला :- रात को गुनगुने पानी के साथ सेवन। यह लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक होता है।
कुटकी (Picrorhiza) :- लिवर डिटॉक्स करने में प्रभावी गन होते है कुटकी में।
हल्दी :- इसमें करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो लिवर की सूजन को कम करता है। सुबह खाली पेट हल्दी वाला गुनगुना दूध पीना लाभकारी होता है।

डाइट टिप्स

✅ सुबह उठकर गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर पिएं।
✅ खट्टे और भारी खाद्य पदार्थों से परहेज करे।
✅ रात के खाने में मूंग दाल की खिचड़ी जरूर लें।
✅ ओट्स या दलिया, एक फल (जैसे सेब या संतरा)।
✅ ग्रीन टी और मुट्ठी भर मखाने या भुने चने।
✅ सब्जियों का सूप, एक कटोरी दही।

परहेज और बचाव के उपाय

✅ वजन नियंत्रित रखें BMI 25 से कम रखने का प्रयास करें।
✅ नियमित व्यायाम करें, रोजाना 30 मिनट वॉक या योग।
✅ हाइड्रेटेड रहने के लिए नारियल पानी, छाछ, और हर्बल टी पिएं।
✅ अल्कोहल और धूम्रपान छोड़े दे यह लिवर सेल्स को रिपेयर करने में समय दें।
✅ अत्यधिक नमक न ले यह लिवर की सूजन को बढ़ा सकता है।
✅ रेड मीट से परहेज यह पचने में भारी होता है और लिवर पर दबाव डालता है।
✅ अत्यधिक चीनी और मिठाईन ले यह वसा के जमाव को बढ़ाता है।
✅ तले हुए और जंक फूड न खाये यह लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।

फैटी लिवर एक साइलेंट किलर है, जो धीरे-धीरे लिवर को नुकसान पहुंचाता है।और समय के साथ लिवर को अधिक नुक्सान पहुँचाता है समय पर लक्षण को पहचानकर आहार, व्यायाम, और आयुर्वेदिक उपचार से इससे छुटकारा पाया जा सकता है। याद रखें, स्वस्थ लिवर ही आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य की कुंजी है! यदि आप उपरोक्त सुझावों का पालन करते हैं, तो लिवर की सेहत को बेहतर बना सकते हैं और भविष्य में होने वाली समस्याए से बच सकते हैं।

पूछे जाने वाले सवाल FAQ

फैटी लिवर में कौन-सा फल सबसे अच्छा है?

पपीता, सेब, और अमरूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर।

क्या फैटी लिवर पूरी तरह ठीक हो सकता है?

हां, आहार और जीवनशैली में बदलाव से इसे रिवर्स किया जा सकता है।

क्या नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर खतरनाक है?

हां, अगर इग्नोर किया जाए तो यह सिरोसिस में बदल सकता है।

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