
Kati Basti (Back Pain) कटी बस्ती कमर दर्द का आयुर्वेदिक उपचार क्या है और कैसे किया जाता है| आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में कमर का दर्द होना एक आम समस्या हो गई है दिन भर ऑफिस में बैठकर काम करना कमर दर्द को बढ़ावा दे सकता है| लंबे समय तक चेयर पर बैठे रहना या एक ही स्थान पर बैठे रहना या गलत पोजीशन में बैठने, मोटापा, या फिर चोट के कारण कमर में दर्द होना आजकल सामान्य बात है। ऐसे मेंआयुर्वेदिक प्राकृतिक उपचार कटी बस्ती एक प्रभावशाली उपचार है| यह पंचकर्म थेरेपी का हिस्सा है और पंचकर्मा के माध्यम से कमर के दर्द से राहत पा सकते है| इस उपचार का कोई भी साइड इफ़ेक्ट नहीं है डॉक्टर की सलाह से आप इस उपचार को करवा सकते है|
What is Kati Basti कटी बस्ती क्या है
दो शब्दों से मिलकर बना है कटी बस्ती “कटी” (कमर) और “बस्ती” (कुंड या पात्र)| इस थेरेपी मेंकमर के दर्द वाले हिस्से मेंआटे कागोल्डनबनाकरउसमें गुनगुनामेडिकेटेड ऑयलडाला जाता हैइससे रीड की हड्डी मेंराहत मिलती हैऔर मजबूत होती है कटी बस्ती करने से प्रभावित क्षेत्र की मांसपेशियां को कोआराम मिलता है|
Procedure of Kati Basti कटी बस्ती कैसे की जाती है
प्रथम कार्य (तैयारी)
स्टेप 1. सबसे पहले रोगी को पेट के बल लेटाना है|
स्टेप 2. लेटाने के बाद रोगी की कमर में जहां दर्द है वहां गुनगुना आयुर्वेदिक मेडिकेटेड तेल से मालिश करनी है ताकि उसे प्रभावित क्षेत्र का रक्त संचार बड़े|
स्टेप 3. अब रोगी की कमर में नाड़ी स्वेदन करना है यानि के गर्म भाफ देना है ध्यान रहे रोगी जले ना |
स्टोप 4. इसके बाद कमर में उड़द के आटे का गोल डैम बना कर लगा दे|
मुख्य कार्य
स्टेप 5. डैम के अंदर गुनगुना आयुर्वेदिक तेल डालना है जैसे तिल का तेल, धन्वन्तराम, नारायण, निर्गुन्डी आदि|
स्टेप 6. तेल को 30 – 40 मिनट तक रखना है| जैसे ही तेल ठंडा हो तो ठन्डे तेल को निकल कर दोबारा गर्म तेल डालना है|
स्टेप 7. ये प्रक्रिया कम से कम 3 – 4 वार दोहरानी है|
स्टोप 8. प्रक्रिया के बाद, तेल को निकल कर साफ कपड़े से पोंछ देना है और हल्की मालिश की करनी है।
अवधि और कोर्स
कटी बस्ती को कम से कम 5 से 7 बार लेना है अगर प्रतिदिन कटी बस्ती करवाते हैं तो फायदा बहुत जल्दी मिलता है
नोट – कटी बस्ती करने के बाद रोगी को कम से कम 3 से 4 घंटे तक ठंडे पानी से नहीं नहाना है
Benefits of Kati Basti कटी बस्ती के फायदे
रीढ़ की हड्डी को मजबूती :- गुनगना तेल में मौजूद पोषक तत्व रीढ़ के डिस्क और जोड़ों को पोषण देते हैं।
कमर दर्द से तुरंत राहत :- गर्म तेल की गहरी पीठ की मांसपेशियों को आराम देती है और दर्द कम करती है।
तनाव और थकान दूर करना :- गर्म तेल की गर्माहटसे शारीरिक और मानसिक रिलेक्स मिलता है|
सूजन और अकड़न कम करन :- साइटिका (Sciatica) और स्लिप डिस्क (Slip Disc) जैसी समस्याओं में लाभकारी होता है|
पोस्चर सुधार :- गलत पोस्चर से होने वाले दर्द को ठीक करता है।
Indications कमर दर्द के संकेत
यह चिकित्सा निम्नलिखित स्थितियों में फायदेमंद है
- पुराना कमर दर्द
- मांसपेशियों में अकड़न
- साइटिका (कूल्हे से पैर तक का दर्द)
- स्पॉन्डिलाइटिस (रीढ़ की हड्डी में सूजन)
- ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों का दर्द)
- स्लिप डिस्क (कमर में डिस्क का खिसकना)
Who Should Take Kati Basti किन लोगों को कटी बस्ती लेनी चाहिए
वृद्ध व्यक्ति :- उम्र के साथ जोड़ों के दर्द से परेशान लोग ले सकते है।
एथलीट्स :- खेलते समय चोट लगने पर कटी बस्ती ले।
ऑफिस कर्मचारी :- जो लंबे समय तक बैठकर काम करते हैं।
सर्जरी के बाद :- रीढ़ या कमर की सर्जरी के बाद रिकवरी के लिए।
गर्भवती महिलाएं :- डॉक्टर की सलाह के बाद प्रसव के बाद कमर दर्द में।
Conclusion निष्कर्ष
कटी बस्ती आयुर्वेद का एक सुरक्षित और पपरवशली उपचार है, यह न सिर्फ कमर दर्द से राहत देता है, बल्कि शरीर को अंदर से मजबूत भी करता है। यदि आप भी कमर दर्द, साइटिका, या जोड़ों के दर्द से परेशान हैं, तो एक बार कटी बस्ती थेरेपी जरूर आजमाएं। हमेसा की किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श के बाद हे ये उपचार ले|